गुरुवार, 23 जुलाई 2020

#देवरिया के #शिवमंदिर: सपने में आए थे भगवान शिव, जमीन खोदा तो

#देवरिया के #शिवमंदिर: सपने में आए थे भगवान शिव, जमीन खोदा तो निकला शिवलिंग

देवरिया के #भटनी ब्‍लॉक के गांव #खोरीबारी #मठिया में एक भगवान शिव का मंदिर है. ऐसी मान्‍यता है कि यहां शंकरजी आज भी जीवंत हैं, लोगों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. यही कारण है कि यहां यूपी के अलावा सीमावर्ती इलाके बिहार से भी लोग पूजा पाठ करने आते हैं. अब यहां मां भगवती का भी विशाल मंदिर बन गया है, जहां लोगों की तांता लगा रहता है और मां सबकी मनोकामनाए पूरी करती हैं.

ये है इस मंदिर की पूरी कहानी 

कहा जाता है कि यहां का शिवलिंग स्‍वयंभू है. खोरीबारी के पूर्व प्रधान #डॉमुनीन्द्र राय के अनुसार उनके पूर्वज बताते थे कि बहुत पहले खामपार के ग्राम सरयां निवासी एक जमींदार स्‍वर्गीय यदुनंदन राय अपने सहयोगियों के साथ मुकदमे के सिलसिले में गोरखपुर जा रहे थे. तब आवागमन का साधन बैलगाडी हुआ करता था, यदुनंदन राय यही पर रात में विश्राम के लिए ठहरे थे. अभी जहां शिवलिंग है ठीक उसी के उपर वह विश्राम कर रहे थे कि रात को उन्‍होंने भगवान शिव को सपने में यह कहते सुना कि 'जहां तुम हो, उसके ठीक नीचे मैं हूं'. ऐसे में यदुनंदन राय उठकर बैठ गए और सुबह होने का इंतजार करने लगे.
 सुबह होते ही उन्‍होंने खोरीबारी के संभ्रांत लोगों को बुलाया और पूरी बात बताई जिसके बाद वहां पर खुदाई कराई गई तो धरती के भीतर से भगवान शिव का विशाल अर्ध निकला. ग्रामीण हर-हर महादेव का जयकारा करने लगे और यह निर्णय लिया गया कि इस स्‍थान पर भव्‍य शिवमंदिर बनेगा.
 आगे चलकर स्वर्गीय #कमलाराय, #फुलेनाराय, #रामबडाईराय आदि ने अपनी जमीनें मंदिर में दान में देकर मंदिर का विस्तार किया. पूर्वजों के बनाए इस मंदिर की देखरेख उनके परिजनों ने संभाला और स्वर्गीय कमला राय के पुत्र डॉ मुनीन्द्र राय की अगुवाई में वर्ष 1996-97 में मंदिर का जीर्णोदार का कार्य ग्रामीणों के सहयोग से कराया गया. 

16 साल से निकलती है कांवर यात्रा 

यहां पर पिछले 16 साल से कांवर यात्रा निकालकर भगवान शिव का भव्‍य जलाभिषेक किया जाता है.
डॉ मुनीन्द्र राय कहते हैं कि 16 साल पहले हर साल सावन में यहां बरहज से जल लाकर भगवान शिव के जलाभिषेक का निर्णय लिया. जब पहली साल वह कांवर लेकर निकले, तो उनके साथ सिर्फ गांव के ही गेंदा पांडेय थे, लेकिन धीरे धीरे हर साल यह संख्‍या बढती गई. हर साल लगभग हजारों लोग यहां बरहज से सरयूजी का जल लाकर सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. इस कावंरियों के आवागमन व भोजन आदि की व्‍यवस्‍था कमला राय सेवा संस्‍थान की ओर से की जाती है.

स्थगित करनी पडी कांवर यात्रा

कमला राय सेवा संस्थान के अध्‍यक्ष यशवंत राय बताते हैं कि इस साल कोरोना और लॉकडाउन के कारण 16 साल से निकल रही कांवर यात्रा को स्‍थगित करना पडा, लेकिन अगली साल सबकुछ सामान्‍य रहा तो एक बार फिर बाबा के दरबार में कांवरियों का जमावडा लगेगा और भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा.

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